ज़िन्दगी की किताब के पन्ने पलटें हौले-हौले, क्योंकि हर लम्हा एक कविता बन जाता है छुपके-छुपके।
वक्त की रेत में उंगलियाँ फेरते चलते रहो, यादें बनती नज़रों से देखते रहो, हर पल का सफ़र है अनोखा, जैसे हर दिन एक नई किताब का पहला पन्ना।
ज़िन्दगी एक मंज़िल नहीं, सफ़र है, हर पल में खुशियाँ और गम का पहर है, हर कदम पर सीखने को कुछ ना कुछ होता है, बस चलते रहो, मंज़िल आपकी ज़रूर आएगी।
☰
MENU
🔍
SEARCH
🔖
FOLLOW
📢
SHARE
×
Search
ThinkBangalore
🏠 Home 🏛 City Connect 🌄 Travel 🏃 Health 🛒 Shopping 💡 Inspire 🙏 Culture 🧑 Jobs 📸 Gallery 😄 Leisure 📞 ContactNews Updates
🎤 Live News 📰 Bengaluru 📰 State 📰 National 🏏 Cricket 📰 Business 📰 Sports 📰 EntertainmentToday
♉ Horoscope ⛅ Weather 🔊 Day QuoteKannada Entertainment
🎬 Sandalwood 🎵 Music 🎞 Movies 🎥 Trailers 🎥 Comedy 🎥 Web Series
Subscribe , Follow on
Facebook Instagram YouTube Twitter X WhatsApp